राजस्थान में मीठे पानी की झीले


rajasthan lakes

राजस्थान में मीठे पानी की झीलें

जयसमंद (ढेबर)झील (उदयपुर) :-
यह गोमती नदी पर महाराज जयसिंह द्वारा 17वीं शताब्दी में निर्मित राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम व सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है । यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।(भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविंद सागर भाखड़ा है )
इन झील की लम्बाई उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर लगभग 15 किमी है जबकि चौड़ाई 2से8 किमी है।कुल क्षेत्रफल लगभग 55 वर्ग किमी है ।

श्यामापुर व भट्टा - जयसमंद झील से निकलने वाली नहरे है । इस झील में स्थित सात टापू है इस मे सबसे बड़ा बाबा का भागड़ा तथा सबसे छोटा प्यारी है।
पिछोला झील (उदयपुर):-
उदयपुर जिले की प्रसिद्ध व सुन्दर झील का निर्माण राणा लाखा के शासन काल मे एक बंजारे ने कराया, बाद में राणा उदयसिंह द्वारा इसका जीर्णोद्धार करवाया गया ।
इस झील में दो टापूओ पर जग मन्दिर और जगनिवास नामक दो महल बने हुए हैं।
इस झील को वर्तमान में फतेहसागर झील से जोड़ दिया गया है ।इस झील को बुझडा नदी एवम सीसारमा नदी द्वारा जलापूर्ति की जाती है।
राजमहल या सिटी पैलेस इस का निर्माण महाराणा उदयसिंह ने पिछोला झील के किनारे किया । इस झील की तुलना फर्ग्यूसन ने लंदन के विशाल विंडसर महल से की ।
राजसमंद झील (राजसमंद):-
इस झिल का निर्माण 1662-1676ई में महाराज रायसिंह द्वारा गोमती नदी पर करवाया ।
इस झील का एक भाग 9 चौकी पाल कहलाता है इस पर संगमरमर के 25 शिलालेख स्थित है । इस पर रणछोड़ भट्ट द्वारा मेवाड़ का इतिहास सस्कृत भाषा मे लिखा हुआ है।
यह राज्य की एक मात्र झील है जिसका नामकरण किसी जिले के नामकरण पर हुआ (राजसमंद)
इस झील की लम्बाई 6.5किमी, चौड़ाई 3 किमी है
फतेहसागर झील (उदयपुर):-
इस झील का निर्माण सन 1688 ई.में महाराणा जयसिंह द्वारा करवाया गया अतिव्रष्टि कि कारण तहस नहस हो जाने के कारण पुनर्निमाण महाराणा फतेहसिंह द्वारा सन 1888 ई. में करवाया गया ।
इसके बाँध की आधारशिला डयूक ऑफ कनॉट के हाथों रखे जाने पर इस बाँध का नाम कनॉट बाँध पड़ा ।झील के मध्य में एक टापू पर नेहरू आइलैंड बना हुआ है ।
सौर वेधशाला -फतेहसागर झील के बीच स्थित है ।
शिल्पग्राम फतेहसागर झील के किनारे पर 1989 में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा हवाला गाँव मे शिल्प ग्राम का सृजन किया गया ।
महाराणा प्रताप स्मारक -झील के स्थित मोती - मगरी पहाड़ी को महाराणा प्रताप स्मारक बना गया ।
फतेहसागर बाँध के नीचे सहेलियों की बाड़ी नामक बाग है।
फॉयसागर झील (अजमेर):-
इस झील का निर्माण सन 1891-1892 में नगरपरिषद अजमेर द्वारा अकाल रहा कार्यो के तहत करवाया गया ।
इस झील का निर्माण इंजीनियर फॉय के निर्देशन में बांडी नदी पर बाँध बनाकर किया गया तथा नाम फॉयसागर रखा।
यह झील अजमेर शहर  की पेयजल आपूर्ति करती है ।
आनासागर झील (अजमेर):- 
इस झील का निर्माण सन 1137  में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के पितामह अर्णोराज द्वारा करवाया गया ।
इस झील के किनारे जहांगीर ने दौलतबाग जिसे वर्तमान में सुभाष उद्यान कहा जाता है । उस झील के किनारे स्थित संगमरमर के 12 दरवाजे 12- दरी कहलाते है ।
पुष्कर झील (अजमेर):-
राजस्थान की सबसे प्राचीन, पवित्र व प्राकृतिक झील है ।इस झील के किनारे ब्रह्मा जी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।यह स्थित गाँधी घाट सबसे बड़ा है
सन  1997- 98 में पुष्कर सरोवर में जमा मिट्टी को निकाल कर झील को गहरा करने का कार्यक्रम पुष्कर समन्वित विकास परियोजना के अंतर्गत कनाडा सरकार की आर्थिक सहायता से चलाया गया ।
कायलाना (प्रतापसगर) झील (जोधपुर):- 
यह झील जोधपुर शहर को पेयजल आपूर्ति करती है।
बालसमंद झील (जोधपुर):- उदसिंह द्वारा निर्मित।
सिलीसेड अलवर:- इस झील को राजस्थान का नन्दनकानन कहा जाता है ।
कोलायत झील (बीकानेर):- यह कपिल मुनि का आश्रम स्थित है।
नक्की झील (सिरोही):- यह मीठे पानी की राजस्थान की सबसे ऊँची (1200 मीटर) झील है।
उदयसागर झील (उदयपुर):- उदयसिंह द्वारा इस झील का निर्माण आयड़ नदी के पानी से किया गया ।
जैतसगर झील बूंदी
सुजानगंगा झील भरतपुर
भोपालसागर झील चितौड़गढ़




राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा में पूछे गए कृषि से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रशन जानने के लिए यहाँ click kare 

और नया पुराने