हार्ट अटैक (ह्रदय घात) के पहले कुछ घंटों में लक्षण

हार्ट अटैक (ह्रदय घात) के पहले कुछ घंटों में लक्षण पहचान कर आदमी  की जान बचाई जा सकती है। 
अगर किसी को सीने में तेज दर्द या जलन जैसा दर्द महसूस हो, बांई बांह, गर्दन, पीठ, जबड़े या पेट में दर्द, अत्यधिक पसीना आना और ठंड लगना, सांस फूलना और घबराहट होना, चक्कर आना और अचानक बेहोश हो जाने की शिकायत हो रही हो तो उसे हार्ट अटैक हो सकता है। इस प्रकार के लक्षणों को नजरअंदाज करने पर मरीज की जान भी जा सकती है। हार्ट अटैक के लक्षण होने पर तुरंत मरीज को हॉस्पिटल लेकर जाएं, अगर हॉस्पिटल दूर हो तो घर पर प्राथमिक उपचार भी दिया जा सकता है, जिसमें पीड़ित को जमीन पर लिटाएं और सिर थोड़ा ऊपर रखें, एक एस्प्रिन की गोली चबाने को दें, जिससे खून पतला हो जाए। अगर व्यक्ति बेहोश हो जाए, तो तुरंत सीपीआर दें। छाती के बीच में दोनों हाथ रखें और तेजी से पंप करें। अगर मरीज को नाइट्रो ग्लिसरीन की दवा पहले से दी जाती है, तो तुरंत दें। समय-समय पर कुछ जांचें करवा कर हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है, जैसे लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल लेवल जानने के लिए किया जाता है। बीपी (रक्त चाप) चेकअप, ईसीजी और ईको टेस्ट जो हार्ट की कार्यक्षमता जांचने के लिए किया जाता है, करवाया जा सकता है। इसी प्रकार टीएमटी (ट्रेडमिल टेस्ट) हृदय में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस प्रकार की जांचें सामान्य व्यक्तियों को भी करवा लेनी चाहिए, ताकि रोग होने से पहले ही उसका पता लगाया जा सके। जांच के साथ ही हार्ट को हेल्दी रखने के लिए रोजाना 45 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें, तले-भुने और हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाने से बचें, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं रखें, तनाव से बचें और रोज मेडिटेशन करें, नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाएं।
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