वैज्ञानिकों ने भी माना, मृत्यु के बाद आत्मा को दूसरी दुनिया में ले जाता है 'फैरीमैन'


वैज्ञानिकों ने भी माना, मृत्यु के बाद आत्मा को दूसरी दुनिया में ले जाता है 'फैरीमैन'

मृत्यु के बाद आत्माएं कहां जाती है, किसी ने नहीं देखा। हालांकि मान्यताओं में अलग-अलग दावे हैं। मसलन, प्राचीन यूनानी लोग मानते थे कि जब कोई मर जाता है तो चेरोन नामक फेरीमैन (नाविक) उसकी आत्मा को दूसरी दुनिया में ले जाता है। अब ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने हमारे दिमाग में मौजूद उस विशेष रसायन की खोज की है, जो मृत्यु के बाद व्यक्ति की आत्मा को दूसरी दुनिया में पहुंचाता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि साइकेडेलिक न्यूरोकेमिकल (मतिभ्रम पैदा करने वाले पदार्थ) मृत्यु के बाद मनुष्य की आत्मा को शरीर से बाहर निकाल कर दूसरी दुनिया में ले जाता है। इन अणुओं को डीएमटी कहा जाता है और यह प्राकृतिक रूप से पौधों, जानवरों और मानव मस्तिष्क में भी पाए जाते हैं। इनके सेवन से व्यक्ति को मतिभ्रम होने लगता है और ऐसी चीजें दिखने और सुनने लगती हैं, जो असल में हैं ही नहीं। शोध के दौरान पाया गया है कि निकट-मृत्यु अनुभवों को महसूस करने वाले लोगों और शौक के लिए डीएमटी का सेवन करने वाले लोगों के अनुभवों में समानताएं यह दर्शाती है कि मृत्यु से पहले हमारा दिमाग अपने आप को इस रसायन से भर लेता है। ग्रीनविच यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर डेविड ल्यूक ने बताया कि इसके प्रमाण अभी सिर्फ जानवरों में देखे गए है, लेकिन इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि यह इंसानों में भी होता है।

मृत्यु के समय रसायन से भर जाता है दिमाग

लंदन के इंपीरियल कॉलेज के शोधकर्ताओं को इस बात के संकेत मिले हैं कि निकट-मृत्यु अनुभवों के समय व्यक्ति को जो मतिभ्रम होता है, उसके लिए डीएमटी (मस्तिष्क में पाया जाने वाला एक रसायन) जिम्मेदार है। इसमें व्यक्ति को दिवंगत प्रियजन दिखाई देते हैं तो किसी को स्वर्ग दिखता है और भगवान की आवाज सुनाई देती है। वैज्ञानिकों ने अभी चूहों पर शोध से इस रसायन का पता लगाया है।
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